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लेखनी ,# कहानीकार प्रतियोगिता # -01-Jul-2023 मेरा बाप मेरा दुश्मन भाग 6

      

                        मेरा बाप मेरा दुश्मन।  (  भाग 6   )


          पिछले पांच भाग की कहानी में आपने पढ़ा  कि किस तरह तान्या व विशाल एक दूसरे को प्यार  करते है और अपने माता पिता को धोका देकर घर से भाग जाते हैं। और वहाँ जाकर शादी कर लेते है। जब एक दिन तान्या अपनी सहेली से  फौन पर   बात करती  है तब उसे मालूम पड़ता  है कि उसके मम्मी पापा ने शर्म के कारण जहर खाकर  आत्महत्या करली । तान्या इसका दोषी अपने को मानती है।

           इसी बीच वह एक बेटी की मां भी बनती है लेकिन वह बेटी का ध्यान नही कर पाती क्यौकि वह टेन्शन का शिकार  हो चुकी थी। इस कारण उसकी बेटी रुला जिद्दी व नटखट होजाती है आगे की कहानी इस भाग में:-


                  तान्या  को विशाल बहुत समझाने की कोशिश कर रहा था परन्तु तान्या अपने मस्तिष्क को सन्तुलित नहीं कर पारही थी।

     विशाल  तान्या की तरफ से बहुत परेशान रहने लगा। विशाल सबसे अधिक इसलिए परेशान था कि उनकी बेटी रमला पर इसका प्रभाव अधिक होरहा था।

     रमला बहुत जिद्दी होती जारही थी। वह किसी की कोई बात सुनती ही नहीं थी। जब उसको स्कूल भेजना शुरु किया तब वह स्कूल में सभी बच्चौ के साथ मारपीट करती थी ।

      रमला के स्कूल के टीचर उसकी बुरी आदतौ से बहुत परेशान होरहे थे।

      स्कूल में पेरैन्टस मीटिग में विशाल व तान्या को बुलाकर  वहाँ की प्रन्सीपल मैडम ने तान्या से पूछा," मैडम आप एक स्कूल में टीचर होकर भी अपने बच्चे कोअच्छे संस्कार नहीं देसकती हो फिर और पैरेन्ट्स से हम क्या आशा रखेगे। "

        विशाल बात को सम्भालते हुए बोला " साँरी मैडम , बात यह है कि यह कुछ अपसैट होगयी थी इसलिए ऐसा हुआ भविष्य में ऐसा कुछ नहीं होगा। "

       मैडम बोली," देखो सर वह अपसैट थी तब आपको हैल्प करनी चाहिए  आप जैसे लोगौ के ही बच्चे बिगड़ जाते हैं और सारा दोष स्कूल पर डाल दिया जाता है। "

         " नही मैडम  हम भविष्य में आपको  इस तरह की शिकायत का मौका नहीं देंगे। " ,विशाल ने विश्वास दिलाया।

       " ठीक है इस बार हमने माँफ कर दिया है यदि इस तरह का ब्यबहार दुहराया गया तब हमें सख्त ऐक्शन लेने पर मजबूर होना पडे़गा। आप समझ लेना सख्त ऐक्शन का मतलब है स्कूल से हटाना। ", मैडम ने कडी़ हिदायत देते हुए कहा।

       विशाल व तान्या घर लौट आये। घर आते ही विशाल तान्या पर क्रोध करता हुआ बोला," देखो तान्या ऐसे कब तक चलेगा यदि रमला को स्कूल से हटा दिया गया तब हम क्या करेंगे  इस स्कूल के अलावा सभी स्कूल बहुत मँहगे है।और सब पूछैगे कि  पिछले स्कूल से क्यौ हटाया गया क्या जबाब दैगे। "

      तान्या बोली," तुमने इसको सिर पर चढा़ लिया है और अब सारा दोष मुझ पर थोपा जारहा है। आप भी ध्यान दो सारी  ड्यूटी मेरी ही है क्या ? "

      विशाल तान्या को समझाते हुए बोला," मै सुबह जाकर रात को वापिस आता हूँ दिन में तुम ही रहती हो। "

     तान्या अपनी आँखे लाल करती हुई बोली," मुझसे इतना नही हो सकेगा कि नौकरी भी करू घर का काम भी करू और बच्चौ का भी ध्यान रखू। "

      विशाल शान्ती से बोला," तानी इस तरह की बातें करना ठीक नहीं है।  इस तरह हालात खराब होजायेगे मैने तुमसे आजतक ऊँची आवाज में कभी भी बात नहीं की है।  यदि घर की बात घर से बाहर चली गयी तब परिणाम ठीक नहीं होगा। इस लिए इन सब बातौ को आपस में ही हल करलै तब अधिक ठीक रहेगा।  "

     तान्या बोली," मैने बाहर किसको कहा है  ?"

     विशाल उसको समझाते हुए बोला," मैने यह कब कहा है कि तुमने बाहर किसीको कहा है मै तो  तुमको उदाहरण देकर समझा रहा था। तुम गलत अर्थ निकालने लगी।"

    बात बढ़ती देखकर विशाल ने चुप रहना ही अच्छा समझा। विशाल की समझ में आरहा था कि इस समय इसको समझाना बहुत कठिन है।

    उधर तान्या का मस्तिष्क भी काम नहीं कर रहा था वह स्वयं को ही अपने मम्मी पापा की मौत का दोषी मान कर परेशान हो रही थी। विशाल भी उसकी बातौ पर कम ध्यान देने लगा था।

       अब विशाल व तान्या के बीच दूरिया बढ़ने लगी थी  अब रमला भी लगभग दस बर्ष की होगयी थी वह  भी दोनौ के बीच के झगडौ़को समझने लगी थी।

        रमला विशाल व तान्या से अपने दादा दादी व नाना नानी के बिषय में पूछती तब वह दौनौ चुप रह जाते थे  जब वह उसे समझाते कि वह बहुत दूर रहते है।

       रमला के स्कूल की जब छुट्टिया होती तब साथ के  बच्चे बताते बताते कि वह अपने नाना के घर जारहे है । रमला भी अपने मम्मी पापा से जिद करती थी कि वह भी नाना नानी व दादा दादी के पास जायेगी। तब वह बहाना बनाकर चुप रह जाते थे।

       एक दिन रमला ने जिद पकड़ ली तब विशाल ने उसे समझाया कि  उनका उनसे झगडा़ होगया है इस लिए वह हमें पसन्द नहीं करते है। वह उनका मोबाइल नम्बर माँगने लगती और कहती मै बात करूँगी ।

             विशाल व तान्या ने उसको समझाया कि हमनें भागकर शादी की थी तेरे दादा दादी व नाना नानी हमारी शादी से नाराज है।

         इस बात का रमला के ऊपर बुरा प्रभाव पडा़ और वह और ज्यादा जिद्दी होने लगी। अब वह दोनौ की कोई बात नहीं मानती थी।

        रमला के इस ब्यबहार से तान्या और अधिक परेशान रहने लगी । अब तान्या ने अपनी बीमारी के बिषय में विशाल को बताना भी छोड़ दिया। इससे उसकी बीमारी अन्दर ही अन्दर बढ़ने लगी।

      अब बीमारी इतनी बढ़गयी कि एक दिन स्कूल में ही वह बेहोश होकर  गिर पडी़  तब स्कूल वालौ ने उसे अस्पताल में एडमिट करवाया।

      विशाल को भी फौन करके अस्पताल में ही बुलाया गया।

        जब डाक्टर के द्वारा लिखे हुऐ टैस्ट करवाये गये तब पता चला कि उसके गले में ट्यूमर है वह वह तीसरी स्टेज पर है।


  कृपया इस भाग को पढ़कर  अपनी राय अवश्य  दीजिए  और आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए :-


                              क्रमशः



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2 Comments

romantic queen 👑

05-Jul-2023 09:12 PM

Nice

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Mahendra Bhatt

04-Jul-2023 11:31 AM

👏👍🏼

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